Tribute to Bhagat Singh on his Birth anniversary. (28 th September 1907- 23 March 1931) ..
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*Ministry of Tourism, Govt. of India* in association with *Mind Wars* invites your students of Std. VI to XII to participate in a quiz competition on *Tourism of India* to celebrate *World Tourism Day*
👩🏻🎓 *For classes 6 to 12*
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⏳ 20 MCQ's - 10 Minutes
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Regards,
Zee Mind Wars
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हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक तथ्य यह भी है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी के पुरोधा व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किए।
Reference
https://www.google.com/amp/s/www.abplive.com/news/india/hindi-diwas-today-hindi-language-is-getting-respect-worldwide-1562523/amp
मुंशी प्रेमचंद: जीवन परिचय
उपन्यास सम्राट कहे जाने वाले प्रेमचंद के साहित्य जीवन का आरंभ 1901 से हो चुका था। आरंभ में वह नवाबराय के नाम से उर्दू भाषा में लिखा करते थे। उनकी पहली रचना अप्रकाशित ही रही। इसका जिक्र उन्होंने पहली रचना नाम के अपने लेख में किया है। उनका पहला उपलब्ध और उपन्यास असरारे मआबिद है। जिस का हिंदी रूपांतरण देवस्थान रहस्य से हुआ। 1907 में उनका पहला कहानी संग्रह सोजे वतन प्रकाशित हुआ। देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण इस संग्रह को अंग्रेज सरकार ने प्रतिबंधित कर इनकी सभी प्रतियां जप्त कर ली और उनके लेखक नवाब राय को भविष्य में लेखक ना करने की चेतावनी दी। जिसके कारण उन्हें नाम बदलकर प्रेमचंद के नाम से लिखना पड़ा उन्हें प्रेमचंद नाम से लिखने का सुझाव देने
वाले दया नारायण निगम थे।
मुंशी प्रेमचंद: रचनाएं
1. उपन्यास - असरारे मआबिद, हिंदी
रूपांतरण - देवस्थान हमखुर्मा व हमसवाब, हिंदी
रूपांतरण - प्रेमा रूठी रानी,, कर्मभूमि, प्रतिज्ञा गोदान, वरदान
तथा मंगलसूत्र।
2. कहानियां - प्रेमचंद ने लगभग 300 कहानियां लिखी। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएं इस प्रकार हैं - दो बैलों की कथा, पूस की रात, ईदगाह, दो सखियां, नमक का दरोगा, बड़े बाबू, सौत, सुजान भगत, बड़े घर की बेटी, कफन, पंचपरमेश्वर, नशा, परीक्षा, शतरंज का खिलाड़ी, बलिदान, माता का हृदय, मिस पदमा, कजाकी आदि।
3. कहानी संग्रह - सोजे वतन, सप्तसरोज, नवनिधि, समरयात्रा, मानसरोवर - आठ भागों में प्रकाशित।
4. नाटक - संग्राम, प्रेम की वेदी और कर्बला ।
5. निबंध - पुराना जमाना नया जमाना, स्वराज के फायदे, कहानी कला, हिंदू - उर्दू की एकता, उपन्यास, जीवन में साहित्य का स्थान, महाजनी सभ्यता आदि।
6. अनुवाद - प्रेमचंद्र एक सफल अनुवादक भी थे, उन्होंने "टॉलस्टॉय की कहानियां"," चांदी की डिबिया"," न्याय" और गर्ल्सवर्दी के तीन नाटकों का हड़ताल नाम से अनुवाद किया।
7. पत्र-पत्रिकाओं का संपादन - प्रेमचंद ने माधुरी, हंस, जागरण, मर्यादा का संपादन किया।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 प्रिय छात्रों, केन्द्रीय विद्यालय बी.एस.एफ. चाकुर भारतीय संविधान ...